15 August Independence Day Speech: Independence Day हर वर्ष देश में राष्ट्रीय पर्व के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को हम आजादी के पर्व के रूप में मनाते हैं। हम सब ने इतिहास में पढ़ा होगा कि हमारा देश 200 सालों तक अंग्रेजों का गुलाम रहा। एक समय सोने की चिड़िया रहा हमारा देश जो आर्थिक रूप से संपन्न था अंग्रेजों द्वारा गुलाम बनने के पश्चात हमारे देश में व्यक्ति विशेष का अस्तित्व खत्म सा हो गया था। हमारा देश परतंत्र हो गया था। इस परतंत्रता के इस चक्रव्यू से हमें Independence Day के दिन सन्न 1947 में छुटकारा मिला। हमें यह दिन देने के लिए जाने कितने स्वतंत्र वीरों ने अपना बलिदान दिया तब कहीं जाकर हमें यह Independence Day देखने को नसीब हुआ।
Independence Day 1947 को हमारा देश आजाद हुआ था इसी दिन को हम स्वतंत्रता दिवस के रूप में हर वर्ष मनाते हैं। यही वह दिन था जब भारत अंग्रेजों की गुलामी से स्वतंत्र हो गया था।
History behind Independence Day
भारत को स्वतंत्रता दिलाने में कई स्वतंत्रता सेनानियों ने अपने प्राण गंवा दिए। भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु ,नेताजी सुभाष चंद्र बोस, लाल बहादुर शास्त्री, सरदार वल्लभभाई पटेल, दादाभाई नौरोजी ,बाल गंगाधर तिलक, अशफाक उल्ला खान, मंगल पांडे ,चंद्रशेखर आजाद ,राम प्रसाद बिस्मिल ,सरोजनी नायडू सावित्रीबाई फुले, बेगम हजरत महल इत्यादि ढेरों स्वतंत्र सेनानियों ने अपना बलिदान देकर हमें अंग्रेजों से आजादी दिलाई।
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इन सभी स्वतंत्र सेनानियों ने अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग अभियान छेड़ कर हमें अंग्रेजों की गुलामी से मुक्ति दिलाई। परतंत्रता के दौर में भी इन्होंने भारत में एक उम्मीद की मशाल जलाए रखी जिससे लोगों को लगता था कि हमें जल्द ही आजादी मिल जाएगी। इन सारे स्वतंत्र सेनानियों के प्रयासों से ही अंग्रेज आखिरकार देश को छोड़ने पर मजबूर हो गए और उन्होंने भारत को स्वतंत्र देश घोषित कर दिया। तब से हर Independence Day के दिन हम स्वतंत्र दिवस के रूप में मनाते हैं।
आजादी के 78 सालों का जशन!
साल 2025 में हम 78 वाँ स्वतंत्रता दिवस मनाने जा रहे हैं । 2025 में हमें आजाद हुए 78 वर्ष पूरे होंगे और हम 79 वर्ष में कदम रखेंगे। 75 वर्ष पूर्ण होने की वजह से इसे स्वतंत्रता का अमृत महोत्सव भी कहा जा रहा है। 1857 से लेकर 1947 तक चले इस स्वतंत्रता संग्राम को आखिरकार Independence Day 1947 के दिन विराम मिला इसीलिए इस दिन हम अवश्य तौर पर अपने स्वतंत्रता सेनानियों को याद करते हैं।
Independence Day Program Details
प्रत्येक वर्ष हर शहर में, हर गांव तथा हर जिले में भारत का स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है। इस दिन देश के प्रधानमंत्री लाल किले पर भारत का तिरंगा झंडा फहराते हैं और राष्ट्रगान गाते हैं। स्वतंत्रता सेनानियों को इस दिन 21 तोपों की सलामी दी जाती है। प्रधानमंत्री हर साल संपूर्ण देशवासियों को लाल किले से संबोधित करते हैं। इस दिन लाल किले पर तीनों सेना दल द्वारा परेड की जाती है जिसमें सेना के बल का प्रदर्शन किया जाता है। प्रत्येक देशवासी इस Independence Day के दिन को बहुत जोश के साथ मनाता है।
प्रत्येक स्कूल तथा सरकारी संस्थान में इस दिन निश्चित तौर पर तिरंगा झंडा फहराया जाता है। इस दिन स्कूलों तथा सरकारी संस्थानों में सांस्कृतिक कार्यक्रम भी मनाए जाते हैं ।स्कूलों में विशेष तौर पर छात्र छात्राओं के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है छात्र छात्राओं को देश के इन महत्वपूर्ण दिनों से परिचय दिलाने के लिए इस दिन को खास बनाने का हर संभव प्रयत्न किया जाता है ताकि देश के बच्चे अपने स्वतंत्रता सेनानियों का बलिदान कभी ना भूल।
Independence Day का दिन हर भारतीय के जीवन में एक विशेष भूमिका निभाता है। हम बचपन से ही इस दिन को स्कूल से मनाना शुरू करते हैं। स्कूल में जब हम इतिहास के विषय में अपने भारत का स्वतंत्रता संग्राम पढ़ते हैं तो हमारे अंदर देश के प्रति और अपने स्वतंत्र सेनानियों के प्रति आदर की भावना जागृत होती है। यही भाव दिखाने के लिए हम 15 अगस्त का दिन Independence Day के रूप में मनाते हैं ताकि इस दिन हम हर्षोल्लास से अपनी आजादी का जश्न मना सकें।
स्वतंत्रता के 78 साल बाद भी प्रत्येक दिन एक नया इतिहास!
आज विश्व में हमारे देश ने एक अलग पहचान बना ली है। हमारा देश दिन-ब-दिन प्रगति कर रहा है। देश ने शिक्षा के क्षेत्र से लेकर तकनीकी क्रांति और औद्योगिक क्रांति में काफी तरक्की कर ली है। ऐसे में हमारा देश आज स्वतंत्रता के 76 साल बाद भी प्रत्येक दिन एक नया इतिहास लिख रहा है। जहां गुलामी से आजाद होने के पश्चात हमारे देश के पास कुछ भी नहीं था हमें अंग्रेजों ने लूट कर शून्य पर पहुंचा दिया था इसी शून्य से शुरू कर हम आज इस मुकाम पर पहुंचे हैं जहां हमारा देश एक विश्व विजेता के रूप में उभर रहा है। आज की तारीख में हमारा देश विश्व के सबसे बलशाली देशों में गिना जाता है।
देश के पास मानवीय संसाधन से लेकर अत्याधुनिक उपकरण की सारी सुविधा मौजूद है। वही हमारे देश में राष्ट्रवादी भावना से भरपूर नौजवान भी बसते हैं ,जो देश पर जान लुटाने के लिए तत्पर रहते हैं। ऐसे में बाहरी ताकतें हमारे देश की तरफ आंख उठाने की हिम्मत भी नहीं करती।
बचपन से ही हमने देखा होगा कि प्रत्येक Independence Day के दिन जब राष्ट्रगान होता है उस दिन राष्ट्रगान सुनकर प्रत्येक व्यक्ति की आंखें निश्चित रूप से नम हो जाती है। लहराता हुआ झंडा हमें फिर से एक नई शक्ति दे जाता है ,जिससे हम स्वयं को अपने देश के और करीब पाते हैं। एक सुर में लगाए गए यह वंदे मातरम के नारे तथा एक सुर में गाया हुआ राष्ट्रगान हममें नवीन ऊर्जा का संचार करता है और देश के तरफ कृतज्ञता की भावना जगाता है।
आज जब हम अपने देश की स्थिति देखते हैं तो हमें गर्व होता है। वह हम जानते हैं कि हमारा देश किन परिस्थितियों से बाहर आया है। एक समय था जब हमारे देश कृषि प्रधान देश होने के बावजूद भी कृषि की नवीन तकनीकों से वंचित था परंतु आज तकनीकी क्रांति के चलते हमारा देश कृषि में आधुनिक तकनीकों का उपयोग कर रहा है ऐसे में हमारा कृषि प्रधान देश वापस से जय जवान जय किसान नारे को जी रहा है।
पूरे विश्व में भारत की गूंज
वही हम आज देखे तो हमारा देश मिशन मार्स और मिशन चंद्रयान को पूरा कर चुका है । हाल ही में भारत ने chandrayaan-3 भी लॉन्च कर दिया जो कि एकदम सफल परीक्षण रहा। आज भारत के अपने कई सेटेलाइट है तथा भारत का स्पेस सेंटर भी दिन-ब-दिन नई तरक्की कर रहा है। वहीं हमने कोरोना के दौरान भी देखा कि भारत एक सफल देश के रूप में खड़ा रहा और विश्व भर में भारत ने कोरोना के वैक्सीनेशन भेजें।
भारत द्वारा बनाई गई दवाई अमेरिका जैसा देश की इस्तेमाल कर रहा था। कोरोना के दौरान भारत ने जो विश्व विजेता की छवि बनाई है वह आजादी के बाद अब तक की सबसे बेहतरीन और ताकतवर छवि के रूप में उभरी है। वही आज प्रत्येक देश शांति वार्ता के लिए भारत को न्योता जरूर देता है फिर वह चाहे इसराइल हो या रशिया। प्रत्येक देश भारत को हर जरूरी फैसले में आमंत्रित करता है। यह भारत की कमाई हुई और बनाई हुई बेहतरीन छवि ही तो है जब भारत एक विश्व गुरु के रूप में उभर रहा है।
हाल ही में भारत ने जी-20 का आयोजन भी किया जिसमें विश्व भर के प्रतिनिधि भारत के विभिन्न शहरों में आए। भारत का यह बदला नया रूप और तरक्की देखकर उन देशों ने भी मान लिया कि भारत विश्व गुरु था ,है ,और रहेगा।
भारतीय संस्कृति काफी वर्षों पुरानी है। ऐसे में वेदों, उपनिषदों की माने तो एक समय भारत ही विश्वगुरु था । अब वह समय फिर से वापस आ रहा है। इतिहास खुद को वापस दोहरा रहा है और भारत अब वापस से विश्व गुरु बन रहा है। पिछले कुछ समय से भारत ने अपनी काबिलियत और शक्ति का लोहा मनवा लिया है।अब समय है भारत के लोग एकता की शक्ति को जान लें और देश के अंतर्गत चलने वाले इस जाती – पाती ऊंच-नीच के युद्ध को विराम देकर एक साथ तरक्की की ओर बढ़े तो निश्चित तौर पर भारत को विश्व गुरु बनने से कोई भी नहीं रोक सकता।
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भारत के युवा ही भारत की नई उम्मीद है इसीलिए भारत के युवाओं को अपने स्वतंत्रता सेनानियों का बलिदान नहीं भूलना चाहिए तथा उन्हें स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा लिए गए प्रण भी नहीं भूलना चाहिए । उन्हें याद रखना चाहिए कि आंतरिक युद्ध को विराम देते हुए हमें केवल देश की तरक्की के बारे में सोचना है।
चाहे हम किसी भी राज्य से हो या किसी भी जिले से ,मौलिक तौर पर हम केवल भारतीय हैं और भारतीय होने के नाते हमें केवल और केवल राष्ट्र की तरक्की के बारे में ही सोचना है। इसीलिए अब यह भारत के युवाओं का कर्तव्य है कि वह भारत को विश्व गुरु की पदवी दिलाएं और दुनिया में भारत का परचम लहराएं।
जय हिन्द।